परमहंस योगानंदजी के हिलींग टेकनीक

परमहंस योगानंद ने प्रत्येक व्यक्ति में दिव्य शक्ति को जागृत करने के लिए विशिष्ट तकनीक सिखाई। ये तकनीकें गंभीर बीमारियों सहित शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रोगों को दूर करने में मदद करने के लिए पाई गई हैं।

“The instrument is blessed by that which flows through it.”
” जिस साधन के माध्यम से जो बहता है, वह उस ही का आशीर्वाद प्राप्त करता है.”
Paramhansa Yogananda

योगानंद की प्रार्थना की तकनीक

इन दिव्य-उपचार विधियों (Healing Techniques) के प्रयोग से पहले, स्वयं को प्रार्थना एवं ध्यान साधना द्वारा तैयार करें और शांत हृदय से परमात्मा से आग्रह करें कि केवल उनकी दिव्य इच्छा ही सर्वदा साकार रूप ले. केवल परमात्मा ही दिव्य-उपचार करने वाली जीवन शक्ति का स्रोत हैं- ऐसी गहरी अनूभूति रखते हुए, उस व्यक्ति की स्पष्ट रूप से कल्पना करें, जो इस आशीर्वाद को प्राप्त करने जा रहा है.

योगानंद अक्सर परमात्मा के दिव्य मां स्वरूप से प्रार्थना किया करते थे क्योंकि वह हम सबको अधिक करीब महसूस होती है और दिव्यता लिए हुए अपने सभी बच्चों को, अपनी दया, करुणा और प्रेम का आशीर्वाद प्रदान करती है.

परमहंस योगानंद की दो छोटी प्रार्थना तकनीकें

१. ” हे दिव्य मां, तुम सर्वव्यापी हो. तुम अपने सभी बच्चों में विद्यमान हो. तुम (व्यक्ति का नाम) में भी हो. अपनी उपचारकारी (Healing Energy) दिव्य जीवन शक्ति को, उनके शरीर, मन और आत्मा में प्रकट करो. ”
फिर अपनी दोनों हथेलियों को तेजी से घर्षित करें और दोनों हाथों को ऊपर उठाकर, तीन बार ॐ का उच्चारण करते हुए, जबतक संभव हो, उस व्यक्ति को दिव्य ऊर्जा भेजते रहें.

२. ध्यान के उपरांत, अपनी दोनों हथेलियों को तेजी से घर्षित करते हुए अपने हाथों और भुजाओं में प्राण ऊर्जा को खींचें और फिर मानसिक या मौखिक रूप से तीन बार ॐ का उच्चारण करते हुए, एकाग्रचित्त होकर, कल्पना करें कि परमात्मा की दिव्य ऊर्जा और आशीर्वाद उस व्यक्ति तक आपके माध्यम से पहुँच रहा है. परमात्मा के दिव्य प्रकाश में, उस व्यक्ति की छवि को, जब तक संभव हो, अपने मन में, धारण किए रखें.

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